हर सवाली को जवाबी चाहिए बस हमें ही सब्र दानी चाहिए शैख़ महफ़िल में थे, तौबा हुई सुबह फिर से इक कहानी चाहिए इश्क़ वाले भी सियासत सीख लें अब मुहब्बत को जुबानी चाहिए शहर में आग लगी थी कल 'नवनीत' आज फिर बस्ती पुरानी चाहिए ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर