Nojoto: Largest Storytelling Platform

कब तलक दबाते हम, बातिन की आवाज़ को, एक दिन तो

 कब तलक दबाते हम, बातिन  की आवाज़ को,
एक  दिन  तो   ये   इश्क़  जाहिर  होना  ही था,

बना ली  थी नादां  दिल  ने ,तस्वीर-ए-यार जब,
दिल के ज़ज़्बातों  को लफ्ज़ों में ,पिरोना ही था।।

©poonam atrey
  #बातिन