कैद आँखे हैं पलकों तले कोई ख़्वाब इनमें फिर से पिरोया जाये धड़कनों में बसा कर फिर किसी को गुमराह खुद को फिर से किया जाये अधूरी सांसे अधूरे सुकून अच्छे नही लगते बिन मुश्किलों के चलो फिर से खुद को हैरान किया जाये दिल पर चला के आँखों के जादू दिल पर दिल के दौरे दिलाया जाये चलो फिर से किसी के हमराह बना जाये ©Adarsh k Tanmay #फिर_से