मैं अदना सा प्यादा ना कद्र है मेरी ना ही कोई कद बची है, मुझसे होशियार तो नब्ज़ सबकी रही है, थोड़ी फीकी है पर ये बात सच ही है, मैं अदना सा प्यादा सोच एक घर में ही रही है। कुछ खास लम्हों ने मुझको बड़ा तोड़ा है, तभी तो हर एक खास ने मुझे तन्हा छोड़ा है, वक्त पर सबके साथ रहा हूं पर साथ कोई नही है, मैं अदना सा प्यादा मुश्किल वक्त मेरा ही है। धरा पर शीश मेरा धड़ दो गज अंदर है, बिखरा तेरे लब्जों से तू ऐसा खंजर है, बेबाक मस्ती मेरे लहजे में रहा ही नहीं है, मैं अदना सा प्यादा हर कदम मरना ही है। मेरा अस्तित्व अब कहीं मौजूद नहीं है, रूठा खुद से आज मन बड़ा दुखी है, खैर प्यादों का होता कभी जयकार नही है, मैं अदना सा प्यादा मेरा तिरस्कार ही सही है। मैं अदना सा प्यादा तिरस्कार ही सही है #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqaestheticthoughts #yqbhaskar #yqlove