वक़्त और जज़्बात। मै अब सारा संमदर निचोड़ भी दूं तो क्या होगा। इन चांद और तारो को तोड़ भी दूं तो क्या होगा। तुमने पहले से किसी के दिल मे घर बना रखा है। अब इस दिल मे जगह छोड़ भी दूं तो क्या होगा। तुम्हारी वफा की खुशबू रुह तक मे उतारी हमने। अब इस हवा का रुख मोड़ भी दूं तो क्या होगा। टूटा हुआ दिल कभी किसी के काम नही आता। लेकिन इस दिल को मै जोड़ भी दूं तो क्या होगा। तुम्हारी बेवफाई के किससे जमाने मे मशहूर हुये। अब मै तुम्हारा ये शहर छोड़ भी दूं तो क्या होगा। SHADAB AHMAD #nojoto #event #shayri #love #quotes #stories #poem #hindi