समय कभी इस कदर तड़पाता है हमें जैसे हो कोई मोबाइल गेम। कभी तो कड़ी मेहनत तो कभी बिन मेहनत मिल जाता सारा फेम। जीतने लगो तो लगे सहायक शक्तियों का सामने ढेरों अंबार। लगने लगो हारने तो भी छम-छम झूम-झूम के आएं बांह खिलार। मगर ध्यान से अजी ! अंतिम बारी के बाद। जैसे जवानी में बचपन की और बुढापे में जवानी में सलोनी हसीन याद। ।।मुक्ता शर्मा ।। #musafirparinde #life #game #optimistic #मुक्तामुसाफिरपरिंदे