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क़फ़स का जख़्मी पंछी हूं कोई तो परों को सहलाए कहो

क़फ़स का जख़्मी पंछी हूं
कोई  तो परों को सहलाए
कहो रब से ये आबले उबलते हैं, जलते हैं
ऐसे  में  कुछ  दिन  तो  बारिश न बरसाए !

बचपन में  उड़ने  की कोशिश में गिरता था
तो मां सहलाकर गले लगा लिया करती थी
मगर इन  बेदर्द  शैतानों  को कौन समझाए
कि  दर्द  तो जवानी में भी उतना ही होता है
कोई नहीं यहां मेरा रहमाना कोई जाकर मेरी मां को बुलाए!

मैं रेंग-रेंग पेड़ के आसरे में पहुंचा
देख जख़्म मेरे चील-गिद्ध मुस्काये
अब  मुझे  भी  लगा  ये  दर्दीली  कहानी  अंत  होगी
जाओ कहो रब से अब ये बारिश और जोरों से बरसाए ! Goodbye quotes 😊😊
#life 
#कविताएँज़िंदारहतीहैं 
#zindagi 
#yqbaba 
#yqdidi 
#goodbyequotes 
#poetry
क़फ़स का जख़्मी पंछी हूं
कोई  तो परों को सहलाए
कहो रब से ये आबले उबलते हैं, जलते हैं
ऐसे  में  कुछ  दिन  तो  बारिश न बरसाए !

बचपन में  उड़ने  की कोशिश में गिरता था
तो मां सहलाकर गले लगा लिया करती थी
मगर इन  बेदर्द  शैतानों  को कौन समझाए
कि  दर्द  तो जवानी में भी उतना ही होता है
कोई नहीं यहां मेरा रहमाना कोई जाकर मेरी मां को बुलाए!

मैं रेंग-रेंग पेड़ के आसरे में पहुंचा
देख जख़्म मेरे चील-गिद्ध मुस्काये
अब  मुझे  भी  लगा  ये  दर्दीली  कहानी  अंत  होगी
जाओ कहो रब से अब ये बारिश और जोरों से बरसाए ! Goodbye quotes 😊😊
#life 
#कविताएँज़िंदारहतीहैं 
#zindagi 
#yqbaba 
#yqdidi 
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