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Poetry with Avdhesh Kanojia
बहुत किया विलाप रुदन न भर अश्रु के कूप। हे नारी न रो अबला बन धर काली का रूप।। तेरे करुण रुदन से नहीं है किसी का हृदय पिघलता। भस्म न करेगी किसी पापी को तेरी श्वासों की शीतलता।। अबला नहीं बन तू सबला अब अपनी शक्ति को पहचान। जो रखे हाथ तेरे सम्मान पे रख दे उस पे तू कृपाण।। जो रखे कुदृष्टि तुझ पर अब कर डाल तू उसे कुरूप। हे नारी न रो अबला बन धर काली का रूप।। जो घात लगाए बैठे हैं विधर्मी उनको भी तू पहचान। मीठी बातों में हैं जो फँसाते समझ तुझे नादान।। मंशा जिनकी है अशुद्ध संस्कृति का करना विस्तार। ले तलवार बनकर क्षत्राणी दे उनके सीने में उतार।। पापी को दण्डित करना भी है एक धर्म स्वरूप। हे नारी न रो अबला बन धर काली का रूप।। बहुत किया विलाप रुदन न भर अश्रु के कूप। हे नारी न रो अबला बन धर काली का रूप।। #नारीशक्ति #नारी #नारी_सम्मान #नारीसाधनानिहारिका #नारीसम्मान #कविता #कविताएँज़िंदारहतीहैं #काव्यसंध्या
Richa Mishra
|| कविता || कविता___ कोई हाथ के अंगुलियों के द्वारा नहीं लिखी जाती अपितु मस्तिष्क को शांत कर ; हृदय भावना की आवाज होती हैं !! — % & #कविताएँज़िंदारहतीहैं #कविताओं_का_दौर #कवितामेरेनामकी
Richa Mishra
|| कविता || कविता___ कोई हाथ के अंगुलियों के द्वारा नहीं लिखी जाती अपितु मस्तिष्क को शांत कर ; हृदय भावना की आवाज होती हैं !! — % & #कविताएँज़िंदारहतीहैं #कविताओं_का_दौर #कवितामेरेनामकी
Sandhya Rani Das
आज कुछ लिखना चाहते हैं आपने बात बताना चाहते हैं । हाँ कुछ दिनों के लिए लिखते ही नहीं थे पर इसका मतलब ए नहीं के हम लिखना भूल गए हैं । #yourfeelings #yqdidi #लिखतेरहेंगे #कविताएँज़िंदारहतीहैं
#yourfeelings #yqdidi #लिखतेरहेंगे #कविताएँज़िंदारहतीहैं
read moreMadhav Jha
ज़िंदगी की कविता (चंद शब्द...) बड़ी विस्मित सी कविता की पंक्ति है, बड़ी हैरान और चौंका कर देने वाली ये तीन घड़ी है । घड़ी में बंद है, मगर कभी सूखा है तो कभी बाढ़ है जाने दिखती भी धराएं वक्त की, कि सिर्फ कल्पना ही कवि की है । कभी उलझन है तो कभी सुलझ जाती है कभी बदनाम है तो नाम दे जाती है कभी शायर की दो पान के खिल्ले सी आती नही इंतजार है कभी मेहरबानों व कद्रदानों और मसीह में है बड़ी विस्मित सी कविता की पंक्ति है । पूरी नहीं अधूरी भी है फिर भी पूरी है कुछ बात चल रही या बंद भी है फिर भी कविता की पंक्ति है। देखने वाला अपना अपना नज़राना देता, क्या खूब पढ़ी और लिखी ये पंक्ति है । कभी हास्य है कभी तंज़ है, कभी रंग है कभी रंगमंच है। बड़ी विस्मित सी कविता की पंक्ति है..... #कविता #कविताएँज़िंदारहतीहैं #कविताएं_और_हम #हिंदीकविता #यौरकोट_दीदी #यौरकोटबाबा #yourquotedidi #yourquotebaba
SURAJ आफताबी
जीवन के पथ पर सांसों के रथ पर प्रभुत्व तुम्हारा हो रहा है मुझे स्वयं की खोज में निकलना होगा स्वत्त्व मेरा कहीं खो रहा है ! क्षण भर के हैं ये उन्माद जिनका आलिंगन मुझसे हो रहा है मैं बुझ रहा हूं धीरे-धीरे कुछ तो है जो मुझमें अब सो रहा है मुझे स्वयं की खोज में निकलना होगा स्वत्त्व मेरा कहीं खो रहा है ! इक सुलगता सा चिंगार आंखों में गिर गया फिर धीरे-धीरे मैं दहकती चिंगारियों से घिर गया तुम जबसे चले गये हो सूखी पलकों को छूकर तब से सब हंस रहे मगर मन रो रहा है मुझे स्वयं की खोज में निकलना होगा स्वत्त्व मेरा कहीं खो रहा है ! 1000th quote....thanks all of you for the precious support and love in this journey 😊 कुछ क्षणों का ठहराव जरूरी होता है , कभी खुद को समझने के लिए और कभी स्वयं के पथ की तलाश के लिए । सांसों का आवागमन रहा तो फिर मिलेंगे 😊 #कविताएँज़िंदारहतीहैं #yqdidi
1000th quote....thanks all of you for the precious support and love in this journey 😊 कुछ क्षणों का ठहराव जरूरी होता है , कभी खुद को समझने के लिए और कभी स्वयं के पथ की तलाश के लिए । सांसों का आवागमन रहा तो फिर मिलेंगे 😊 #कविताएँज़िंदारहतीहैं #yqdidi
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ये लज्ज़त भरा शाम का किनारा गीला मंजर और मुस्कुराता मुख तुम्हारा तुम्हारी निस्बत में दिन पलकें झुका रहा है ओट में अपनी मुझे हमेशा को सुला रहा है मगर सोने से पहले इक वादा ले लूं आखिरी दफा क्या हाथ तुम्हारा छू लूं ? फिर जाने किस सदी के सवेरे मुलाकात हो अपनी क्या पता दोनों सामने बैठें रहे फिर भी बात न हो अपनी फिर क्यूं न तुम्हारी इक मुस्कुराहट अपने साथ ले जाऊं काल के जिस भी हिस्से में रहूं वहीं उसी संग ईद-दिवाली मनाऊ मुझे पता है तुम्हारे संग जैसा जीवन मिलेगा न मुझे दोबारा ये लज्ज़त भरा शाम का किनारा छूटता मेरे हाथ से हाथ तुम्हारा गीला ये मंज़र और मुस्कुराता मुख तुम्हारा ! For easy reading 👇👇 ये लज्ज़त भरा शाम का किनारा गीला मंजर और मुस्कुराता मुख तुम्हारा तुम्हारी निस्बत में दिन पलकें झुका रहा है
For easy reading 👇👇 ये लज्ज़त भरा शाम का किनारा गीला मंजर और मुस्कुराता मुख तुम्हारा तुम्हारी निस्बत में दिन पलकें झुका रहा है
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पैदल चल रही भावनाएं मेरी तुम तक पहुंचते देर हो जायेगी तुम ठहरना , इंतजार करना वरन् इक संभावित प्रेम कहानी मौन हो जायेगी ! जिन तपती आंखों में पकाया है स्वप्न तेरा वहां पावस ऋतु का डेरा रहता है मन तो तेरे जाने से पहले ही सहमा-सहमा रहता था अब तो वहां दर्दों का भी फेरा रहता है मेरे दृगजल का बोझ लेकर चल रही भावनाएं मेरी तुम तक पहुंचते शायद देर हो जायेगी तुम उस फटे पन्ने को याद करना और विचार करना नहीं तो तुमको लिखी ये डायरियां मेरे लिये 'कौन' हो जायेगी तुम ठहरना , इंतजार करना वरन् इक संभावित प्रेम कहानी मौन हो जायेगी !— % & प्रेम भाव 😊 #कविताएँज़िंदारहतीहैं #love #life #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes #poetry
प्रेम भाव 😊 #कविताएँज़िंदारहतीहैं love life #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes poetry
read moreSURAJ आफताबी
तनिक मात्र भी नहीं अंतर पुष्प सज्जित पूजा के थाल में और तेरे बिंदी शोभित भाल में जैसे वो प्रज्वलित दीप वैसा ये अरूणिम वदन है गीले फूलों की पंखुड़ियों वाली बूंदें तेरी बरौनी पर भी तो मगन है ! ये थाल अर्पित किसी अलौकिक शांति को तुम्हारा मुख अर्चित मेरी लौकिक शांति को ज्यों ये कुमकुम इक तिलक प्रयोजन को है ये बिंदिया तुम्हारी भी तो उसी आयोजन को है हर सूक्ष्मता से खोज कर देख लिया , मगर नहीं श्लेष मात्र भी अंतर इस पुष्प सज्जित पूजा के थाल में और तेरे बिंदी शोभित भाल में !— % & कुछ भी तो अंतर नहीं शायद यही प्रकृति है ! Thanks for lovely pokes 😊🙏 #कविताएँज़िंदारहतीहैं #yqhindi #yqbaba #yqdidi #love
कुछ भी तो अंतर नहीं शायद यही प्रकृति है ! Thanks for lovely pokes 😊🙏 #कविताएँज़िंदारहतीहैं #yqhindi #yqbaba #yqdidi love
read moreSURAJ आफताबी
मैं, मेरी तन्हाई और सामने अधूरी रूबाई फिर धीरे-धीरे और ढ़ली निशा फिर अनमने मन से शम्मा बुझाई फिर भी सोने की तमाम कोशिशें रही नाकाम और प्यासे लब जब सुलग उठे उठा मैं, और मेरे हाथों ने उठाई जाम !— % & कोरी कल्पना 😊 कभी-कभी कोई दृष्टांत बड़ा घर कर जाता है स्मृतियों में और कवि मन कभी कभी भोगे हुए यथार्थ की जगह महसूस किया हुआ यथार्थ लिख डालता है ! रूबाई - चार पंक्तियों वाली कविता #yqbaba #yqdidi #imagination
कोरी कल्पना 😊 कभी-कभी कोई दृष्टांत बड़ा घर कर जाता है स्मृतियों में और कवि मन कभी कभी भोगे हुए यथार्थ की जगह महसूस किया हुआ यथार्थ लिख डालता है ! रूबाई - चार पंक्तियों वाली कविता #yqbaba #yqdidi #Imagination
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