मत छेड़ आतिशों को सुलग उठी तो जला देंगी मत खेल बारिशों में तूफ़ान ले आई तो डुबा देंगी किसी के हालात पर सवालात भी वाजिब नहीं किस्मत ही तो है पलट जाए तो तस्वीर बदल देंगी रखना संभाल के अपने गरूर के ज़ालिम सरूर को सिर्फ एक ठोकर ही तुझे तेरी औकात बता देगी बबली गुर्जर ©Babli Gurjar औकात