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कब्र में सोने कि तमन्ना है तुम्हें ***************

कब्र में सोने कि तमन्ना है तुम्हें
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धर्म  सनातन  धीरे - धीरे  विलीन  हो  रहा  है,
उठो-उठो जागो देखो तुम्हारा पुर्वज रो रहा है।
कब्र में सोने कि तमन्ना है तुम्हें ........
निगल रहा खोखला सपना है तुम्हें।
तुम्हें मिटाने वाली आंधी जोरों से चल पड़ी है,
हिन्दुओं  जागो  चढ़ा  रहा  तुम्हारा  बली   है।
जाति में बंट कर  रह गए,पैसों में सट कर रह गए,
झुठे वादों के मकर जाल में तुम फंस कर रह गए।
नर्क में घर बसाने पर तुम उतारू हो,
ड्रामेबाज हो तुम , नहीं तनिक भी जूझारू हो।
बुलंद हौसला भी  धीरे-धीरे शिथिल हो रहा है,
धर्म  सनातन  धीरे - धीरे  विलीन  हो  रहा है।।
मोदी , योगी  का  बज  रहा है  दुनिया में  डंका,
भारत  में  जल   रहा   है  गली   गली  में  लंका।
सोया है चतुर हिन्दू टांग पसार कर,
सांस ले रहा है हिन्दू सेकुलर का मुंह फाड़ कर।
बहन , बेटी , बहू , पत्नी लूट जाए तो लूट जाए,
अधमरा  रहोगे  तुम   सदा  आंखों  से  ताड़कर।
मै  प्रमोद  मंत्र  दे  रहा  हूं  तुम्हें  तीखे कलम से,
धरती  सनातनी तुम सनातन  हो जन्म-जन्म से,
मोदी योगी का साथ चलो कमल खिला दो अपने कर्म से।
हिन्दुओं नींद से जागो संस्कृति और संस्कार खो रहा है,
धर्म सनातन धीरे धीरे  विलीन हो रहा है।।
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प्रमोद मालाकार  भाजपा की कलम से

©pramod malakar
  #कब्र में सोने की तमन्ना है तुम्हें।

#कब्र में सोने की तमन्ना है तुम्हें। #कविता

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