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"स्वतंत्रता दिवस" "कितने वीर शहीद हुए तब यह परचम

"स्वतंत्रता दिवस"

"कितने वीर शहीद हुए तब यह परचम लहराया है।
कितने कष्ट सहे थे सबने, तब पावन दिन आया है।‌।
खोकर अपने लालों को हमने वसुधा को पाया है।
सस्ती मत समझो आजादी हमने लहू बहाया है।।
जिस धरती की आन बचाने, वृद्ध पिता ने सुत खोए। 
भारत माता की रक्षा में, कई वीरों ने सिर बोए।।
कितने पुत्र अनाथ हुए थे, फूट-फूट कर थे रोए।
माताओं ने लाल गंवाए, बहनों ने भाई खोए।।"
   अम्बिका झा ✍️

©Ambika Jha
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