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"मन-प्रवेश " ============= थामा था जब उसने हाथ को

"मन-प्रवेश "
=============
थामा था जब उसने
हाथ को मेरे,,, 
और 
ले गया था,,,,, 
जो मुझे अपने प्यार 
के अहसास में,,,,,,,,,,, 
हो गया था मेरा 
उसी दिन उसकी 
जिंदगी में प्रवेश......... 
प्यार, मान, सम्मान 
ये सब कुछ उसी के 
प्यार ने सिखाया,, 
उसी ने रिश्तों को 
निभाना सिखाया,,,,,, 
बस! वास्तविकता  में वही 
था मेरा उसके मन के
द्वार पर मेरा 
"मन-प्रवेश "
स्वागत, सत्कार सब कुछ
उसकी नजरों से प्रारंभ 
होकर उसकी चरणों 
की रज तक था,, |
                         गीता शर्मा 'प्रणय' मन-प्रवेश
"मन-प्रवेश "
=============
थामा था जब उसने
हाथ को मेरे,,, 
और 
ले गया था,,,,, 
जो मुझे अपने प्यार 
के अहसास में,,,,,,,,,,, 
हो गया था मेरा 
उसी दिन उसकी 
जिंदगी में प्रवेश......... 
प्यार, मान, सम्मान 
ये सब कुछ उसी के 
प्यार ने सिखाया,, 
उसी ने रिश्तों को 
निभाना सिखाया,,,,,, 
बस! वास्तविकता  में वही 
था मेरा उसके मन के
द्वार पर मेरा 
"मन-प्रवेश "
स्वागत, सत्कार सब कुछ
उसकी नजरों से प्रारंभ 
होकर उसकी चरणों 
की रज तक था,, |
                         गीता शर्मा 'प्रणय' मन-प्रवेश