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गुजरात सरकार ने कहा है कि वह श्रीमद भगवत गीता को र

गुजरात सरकार ने कहा है कि वह श्रीमद भगवत गीता को राज्य के स्कूल में छठी से बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बन आएगी उल्लेखनीय है कि दुनिया के कई देशों में गीता स्कूल कॉलेज में पाठ्यक्रम कारण अमेरिका की यूजर्स विश्वविद्यालय में गीता अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाई जाती है कि तो एक मात्र ऐसे ग्रंथ है जो दुनिया के सबसे ज्यादा भाषा में लिखा गया गीता धार्मिक ग्रंथ ही नहीं बल्कि लेख पूर्ण जीवन शास्त्र गीता दर्शन के अनुसार शिक्षार्थी के शरीर एवं आत्मा का समान महत्व आत्मा परमात्मा का ही अंश है प्रत्येक शिक्षार्थी में आत्मा रूपी परमात्मा ही निवास करता शिक्षार्थी के प्रत्येक कार्य आत्मा के प्रेरणा से होते हैं दर्शन में शिक्षार्थी से अपेक्षा की गई है कि वह स्वयं विनायक शिक्षा के प्रति श्रद्धा और संभल की भावना जैसे गुणों से युक्त हो सके शिक्षा से भी अपेक्षा की गई है कि शिक्षार्थी में आत्मविश्वास एवं आशा बाद उत्पन्न करेगा शिक्षार्थी के आयु वर्ग के अनुकूल अभिरुचि एवं वनों के रूप में स्थिति अक्षित कर उसका आत्म परिष्कार करेगा तथा निष्काम कर्म योग की भावना से ही जनहित के कारण में उस पर भर्ती करेगा जिससे कि वे शिक्षा अचानक से मुक्त जीवन में शांति तथा आनंद प्राप्त कर सकें

©Ek villain #पाठ्यक्रम का हिस्सा बने गीता
#VantinesDay
गुजरात सरकार ने कहा है कि वह श्रीमद भगवत गीता को राज्य के स्कूल में छठी से बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बन आएगी उल्लेखनीय है कि दुनिया के कई देशों में गीता स्कूल कॉलेज में पाठ्यक्रम कारण अमेरिका की यूजर्स विश्वविद्यालय में गीता अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाई जाती है कि तो एक मात्र ऐसे ग्रंथ है जो दुनिया के सबसे ज्यादा भाषा में लिखा गया गीता धार्मिक ग्रंथ ही नहीं बल्कि लेख पूर्ण जीवन शास्त्र गीता दर्शन के अनुसार शिक्षार्थी के शरीर एवं आत्मा का समान महत्व आत्मा परमात्मा का ही अंश है प्रत्येक शिक्षार्थी में आत्मा रूपी परमात्मा ही निवास करता शिक्षार्थी के प्रत्येक कार्य आत्मा के प्रेरणा से होते हैं दर्शन में शिक्षार्थी से अपेक्षा की गई है कि वह स्वयं विनायक शिक्षा के प्रति श्रद्धा और संभल की भावना जैसे गुणों से युक्त हो सके शिक्षा से भी अपेक्षा की गई है कि शिक्षार्थी में आत्मविश्वास एवं आशा बाद उत्पन्न करेगा शिक्षार्थी के आयु वर्ग के अनुकूल अभिरुचि एवं वनों के रूप में स्थिति अक्षित कर उसका आत्म परिष्कार करेगा तथा निष्काम कर्म योग की भावना से ही जनहित के कारण में उस पर भर्ती करेगा जिससे कि वे शिक्षा अचानक से मुक्त जीवन में शांति तथा आनंद प्राप्त कर सकें

©Ek villain #पाठ्यक्रम का हिस्सा बने गीता
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