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पिता जी की पैंट, अब मुझको, फिट आने लगी है। इसी पैं

पिता जी की पैंट,
अब मुझको,
फिट आने लगी है।
इसी पैंट मे...
वो जेब है,
जो मेरी हर ख्वाहिश,
पूरी किया करते थे।
पर आज...
उतना ही बड़ा होकर,
जब इन जेबों मे,
हाथ डालता हूँ।
तो समझ पाता हूँ...
कि पैसे जेब में नही,
पिताजी के,
दिल मे हुआ करते थे।। #sandeep
पिता जी की पैंट,
अब मुझको,
फिट आने लगी है।
इसी पैंट मे...
वो जेब है,
जो मेरी हर ख्वाहिश,
पूरी किया करते थे।
पर आज...
उतना ही बड़ा होकर,
जब इन जेबों मे,
हाथ डालता हूँ।
तो समझ पाता हूँ...
कि पैसे जेब में नही,
पिताजी के,
दिल मे हुआ करते थे।। #sandeep