Nojoto: Largest Storytelling Platform

न था न सुनी थी इतनी हाहाकार कभी, न थी आवाम इतनी ल

न था

न सुनी थी इतनी हाहाकार कभी, न थी आवाम इतनी लाचार कभी।
न था कभी सत्ता का लोभ इतना, न थी ऐसी निर्दयी सरकार कभी।

न था नृप कोई आत्ममुग्ध इतना, न थे इतने पक्षपाती अखबार कभी।
न थे इतने अंधे किसी भी राज में, न थे इतने चाटुकार पत्रकार कभी!

न था इतना वैमनस्य जनों के बीच, न था इतना घृणित चुनाव-प्रचार कभी।
न थी कभी इतनी जुमलेबाजी; न थे नेता इतने झूठे, मक्कार कभी।

न था इतना कभी अतिविश्वास,  न थी पूंजीपतियों की सरकार कभी।
न थी कभी इतनी हवाबाजी, न था इतना बेसुध राजदरबार कभी।

न बिकी थी कभी इतनी सरकारी कंपनियां, न थे गिने-चुने खरीदार कभी।
न बनते थे कभी सवाली देशद्रोही, न था डर का इतना कारोबार कभी।

न थे स्तरहीन कुतर्क कभी इतने, न था एंबुलेंस पर बालू सवार कभी।
न मयस्सर थी साइकिल कभी लाशों को, न था मौत के लिए इंतजार कभी। #selfishworld #dirtypolitics #coronavirus #selfishleaders
न था

न सुनी थी इतनी हाहाकार कभी, न थी आवाम इतनी लाचार कभी।
न था कभी सत्ता का लोभ इतना, न थी ऐसी निर्दयी सरकार कभी।

न था नृप कोई आत्ममुग्ध इतना, न थे इतने पक्षपाती अखबार कभी।
न थे इतने अंधे किसी भी राज में, न थे इतने चाटुकार पत्रकार कभी!

न था इतना वैमनस्य जनों के बीच, न था इतना घृणित चुनाव-प्रचार कभी।
न थी कभी इतनी जुमलेबाजी; न थे नेता इतने झूठे, मक्कार कभी।

न था इतना कभी अतिविश्वास,  न थी पूंजीपतियों की सरकार कभी।
न थी कभी इतनी हवाबाजी, न था इतना बेसुध राजदरबार कभी।

न बिकी थी कभी इतनी सरकारी कंपनियां, न थे गिने-चुने खरीदार कभी।
न बनते थे कभी सवाली देशद्रोही, न था डर का इतना कारोबार कभी।

न थे स्तरहीन कुतर्क कभी इतने, न था एंबुलेंस पर बालू सवार कभी।
न मयस्सर थी साइकिल कभी लाशों को, न था मौत के लिए इंतजार कभी। #selfishworld #dirtypolitics #coronavirus #selfishleaders