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कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें........ रामलाल बहुत ही न

कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें........ रामलाल बहुत ही नेक दिल इंसान था हमेशा दूसरों की भलाई और परमार्थ के लिए काम करता और नेक दिल बनने की हर किसी को उपदेश देता था परन्तु उसका बेटा श्याम बहुत ही नटखट और हमेशा दूसरों को दु:ख देता और पीड़ा पहुँचाता था।
श्याम का स्वभाव ठीक उसके पिता के विपरीत था, पूरे मोहल्ले के लड़के उसके संगत से बिगड़ रहे थे, रोज रामलाल के घर उलाहने आते और रामलाल दोबारा ना होने की शर्त पर उन लोगों से क्षमा याचना करते रहता।
एक दिन रामलाल बाजार गया और साथ में अपने बेटे श्याम को लेते गया पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि अपने बेटे को कैसे सुधारें ?
बाजार में उसके बेटे ने सेब खरीदने की ज़िद की, रामलाल को सहसा एक युक्ति सुझी। उसने एक किलो सेब खरीदे और साथ में एक सड़े हुए सेब फल वाले से मांगा और थैले में रखकर घर चल दिए, उसके बेटे ने सोचा शायद वह सड़ा सेब उसके पिता अपने लिए खरीदे हो। 
घर पहुँचकर रामलाल ने सारे सेब को निकालकर उसके साथ सड़े सेब को भी रखकर अपने बेटे को बोला, ले जाकर इसे फ्रीज में रखे दो हमलोग कल सेब को खाएंगे। 
अगले दिन रामलाल अपने बेटे को बोला जा सेब निकालकर ला एक साथ हमलोग खाएंगे, उसका बेटा जैसे ही सेब फ्रीज से निकाला सारे सेब सड़ चुके थे, उसका बेटा हैरान परेशान था की कल उसने अच्छे सेब रखे थे आज सभी सड़ गए। 
रामलाल ने बेटे को समझाया की एक बुरे की संगत पूरे समाज को बुरा बना देता है।
इसलिए कहा गया है कि कुसंगति के संगत से अच्छे भी खराब हो जाते हैं या यूं कह सकते हैं बुरे पेड़ पर सेब नहीं फलते बल्कि अच्छे लोग भी बुरे की संगत से परिवर्तित हो जाते हैं।
कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें........ रामलाल बहुत ही नेक दिल इंसान था हमेशा दूसरों की भलाई और परमार्थ के लिए काम करता और नेक दिल बनने की हर किसी को उपदेश देता था परन्तु उसका बेटा श्याम बहुत ही नटखट और हमेशा दूसरों को दु:ख देता और पीड़ा पहुँचाता था।
श्याम का स्वभाव ठीक उसके पिता के विपरीत था, पूरे मोहल्ले के लड़के उसके संगत से बिगड़ रहे थे, रोज रामलाल के घर उलाहने आते और रामलाल दोबारा ना होने की शर्त पर उन लोगों से क्षमा याचना करते रहता।
एक दिन रामलाल बाजार गया और साथ में अपने बेटे श्याम को लेते गया पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि अपने बेटे को कैसे सुधारें ?
बाजार में उसके बेटे ने सेब खरीदने की ज़िद की, रामलाल को सहसा एक युक्ति सुझी। उसने एक किलो सेब खरीदे और साथ में एक सड़े हुए सेब फल वाले से मांगा और थैले में रखकर घर चल दिए, उसके बेटे ने सोचा शायद वह सड़ा सेब उसके पिता अपने लिए खरीदे हो। 
घर पहुँचकर रामलाल ने सारे सेब को निकालकर उसके साथ सड़े सेब को भी रखकर अपने बेटे को बोला, ले जाकर इसे फ्रीज में रखे दो हमलोग कल सेब को खाएंगे। 
अगले दिन रामलाल अपने बेटे को बोला जा सेब निकालकर ला एक साथ हमलोग खाएंगे, उसका बेटा जैसे ही सेब फ्रीज से निकाला सारे सेब सड़ चुके थे, उसका बेटा हैरान परेशान था की कल उसने अच्छे सेब रखे थे आज सभी सड़ गए। 
रामलाल ने बेटे को समझाया की एक बुरे की संगत पूरे समाज को बुरा बना देता है।
इसलिए कहा गया है कि कुसंगति के संगत से अच्छे भी खराब हो जाते हैं या यूं कह सकते हैं बुरे पेड़ पर सेब नहीं फलते बल्कि अच्छे लोग भी बुरे की संगत से परिवर्तित हो जाते हैं।

रामलाल बहुत ही नेक दिल इंसान था हमेशा दूसरों की भलाई और परमार्थ के लिए काम करता और नेक दिल बनने की हर किसी को उपदेश देता था परन्तु उसका बेटा श्याम बहुत ही नटखट और हमेशा दूसरों को दु:ख देता और पीड़ा पहुँचाता था। श्याम का स्वभाव ठीक उसके पिता के विपरीत था, पूरे मोहल्ले के लड़के उसके संगत से बिगड़ रहे थे, रोज रामलाल के घर उलाहने आते और रामलाल दोबारा ना होने की शर्त पर उन लोगों से क्षमा याचना करते रहता। एक दिन रामलाल बाजार गया और साथ में अपने बेटे श्याम को लेते गया पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि अपने बेटे को कैसे सुधारें ? बाजार में उसके बेटे ने सेब खरीदने की ज़िद की, रामलाल को सहसा एक युक्ति सुझी। उसने एक किलो सेब खरीदे और साथ में एक सड़े हुए सेब फल वाले से मांगा और थैले में रखकर घर चल दिए, उसके बेटे ने सोचा शायद वह सड़ा सेब उसके पिता अपने लिए खरीदे हो। घर पहुँचकर रामलाल ने सारे सेब को निकालकर उसके साथ सड़े सेब को भी रखकर अपने बेटे को बोला, ले जाकर इसे फ्रीज में रखे दो हमलोग कल सेब को खाएंगे। अगले दिन रामलाल अपने बेटे को बोला जा सेब निकालकर ला एक साथ हमलोग खाएंगे, उसका बेटा जैसे ही सेब फ्रीज से निकाला सारे सेब सड़ चुके थे, उसका बेटा हैरान परेशान था की कल उसने अच्छे सेब रखे थे आज सभी सड़ गए। रामलाल ने बेटे को समझाया की एक बुरे की संगत पूरे समाज को बुरा बना देता है। इसलिए कहा गया है कि कुसंगति के संगत से अच्छे भी खराब हो जाते हैं या यूं कह सकते हैं बुरे पेड़ पर सेब नहीं फलते बल्कि अच्छे लोग भी बुरे की संगत से परिवर्तित हो जाते हैं। #YourQuoteAndMine #EnglishProverbsWorld #EPWchallenge #epwहिंदी #EPWstoWriMo #Proverbialchallenge #EPWबुरापेड़