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मैं हर रात एक खब्ब देखती हू अपनी लाश के पास बैठा स

मैं हर रात एक खब्ब देखती हू
अपनी लाश के पास बैठा सैलाब देखती हू
अपने है या  वो पराए ये नही दिखता
अपनी मां को सुस्कते हर रोज देखती हूं
दिल करता हाय पोझ दू आशू अपनी मा के
इस जवाने को देख के दर लगता हाय।
ये मौत टू कितनी हसीन है ना
सपनो में ही क्यों हकीकत में ही आजाना ।

©Sushmita pathak
  #Tanhai  कब आएगी

#Tanhai कब आएगी #ज़िन्दगी

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