कुछ को सच कहते हुए डर लगता है।
कुछ को झूठ कहते हुए डर लगता है।
बड़ा अजीब है ये डर का दानव
डर को डर कहते हुए डर लगता है।
किसने रख दिया है ये डर सिराहने पर
अब तो अधेरों और उजालों में भी डर लगता है।
थरथर काँपता है दिल दिमाग तन भी
जिनको डर का दानव डसता है।