Nojoto: Largest Storytelling Platform

बूढ़े माता पिता को समझकर एक भारी बोझ जीवन का, छोड़

बूढ़े माता पिता को समझकर
एक भारी बोझ जीवन का,
छोड़ वृद्धाश्रम की चार दिवारी में
उनकी बेबसी और तन्हाई को
दिल से कोई समझता नहीं,
पूरी ज़िंदगी बीता दी जिन्होंने
अपने बच्चों का ख्याल रखने में,
प्यार और परवाह की है ज़रूरत  
उन्हें भी उम्र की इस दहलीज पर,
ये बात कोई मानता नहीं।
बेजुबान अश्कों की फरियाद
बेवजह कोई सुनता नहीं,
बहते ये निर्झर झरने से लेकिन
इनकी कोई सुध लेता नहीं।

©Sonal Panwar
  वृद्धाश्रम 😔💫 #oldage #oldagehome #oldagehindipoetry #bejuban। #hibdipoetry #hindi_poem #Parentscare #नोजोटो