रोशनी सा जगमगाना चाहता हूँ, आज फिर से मुस्कुराना चाहता हूँ, खूबसूरत सी गजल मेरी बनाकर.. सिर्फ तुमको गुनगुनाना चाहता हूँ। ©Govind Pandram #गजल 2122...