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रातों में उठ-उठकर हम जिनके लिए रोते हैं,ओ अपने मका

रातों में उठ-उठकर हम जिनके लिए रोते हैं,ओ अपने मकानों में बड़े आराम से सोते हैं।

©प्रभाकर अजय शिवा सेन रातों में उठ-उठकर हम जिनके लिए रोते हैं।

#Starss
रातों में उठ-उठकर हम जिनके लिए रोते हैं,ओ अपने मकानों में बड़े आराम से सोते हैं।

©प्रभाकर अजय शिवा सेन रातों में उठ-उठकर हम जिनके लिए रोते हैं।

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रातों में उठ-उठकर हम जिनके लिए रोते हैं। #Starss #Shayari