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लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई, मगर खामोश

लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई,
मगर खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई।

 ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर,
वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर।

©नवनीत ठाकुर #लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई,
लेकिन खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई।

 ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर,
वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर।
लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई,
मगर खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई।

 ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर,
वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर।

©नवनीत ठाकुर #लफ्ज़ों का शोर किसी को भी देता है सुनाई,
लेकिन खामोशी में जो बात छुपी हो, वही होती है सच्चाई।

 ताकत अपनी दिखाने के लिए जो मचाते हैं शोर,
वो अंदर से खोखले और होते हैं कमजोर।