पता नहीं चला अजनबी से कब अजीज हो गये अश्किया हुआ करते थे कभी, अब तो आदिल बन गये आंधी से सामना हुआ तब तक तुम आफताब बन कर रोशनी बिखेर रहे थे, जो कभी अंधेरा होते ही आज़िज़ हो जाया करते थे अश्किया - क्रूर आदिल - नेक दिल आज़िज़- शक्तिहीन #yqbhaijaan #yqdidi