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White जैसे जून-जुलाई के महीने में बारिश दिल को ख़ु

White जैसे जून-जुलाई के महीने में बारिश दिल को ख़ुश कर देती है और उसके बाद तुरंत निकली धूप दिल को बेहद उदास। उसी तरह के ज़हन के साथ शायरों ने भी कुछ अल्फ़ाज़ कहे हैं। जब शायर बेहद उदास हुए तो उन्होंने कुछ ऐसा कहामैं दिन हूं मेरी ज़बीं पर दुखों का सूरज है
दिये तो रात की पलकों पे झिलमिलाते हैं
- बशीर बद्र


ये दोस्ती ये मरासिम ये चाहतें ये ख़ुलूस
कभी कभी मुझे सब कुछ अजीब लगता है
- जाँ निसार अख़्तर

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उस शख़्स के ग़म का कोई अन्दाज़ा लगाए
 जिसको रोते हुए देखा न किसी ने 
- वकील अख़्तर

©Ashish Maurya
  #Free #Love #shayri #pyaar

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