देश की रक्षा की खातिर न जाने कितने शहीद हुयें , आज अपने हीं चंद लोग उसी देश को लूटने को उतारु हुयें। - Ⓒ रत्नेश देश की रक्षा की खातिर न जाने कितने शहीद हुयें , आज अपने हीं चंद लोग उसी देश को लूटने को उतारु हुयें। - Ⓒ रत्नेश