Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानु

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं, अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं।

त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं, भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्।।

©Raam Sevariya
  #mahashivaratri #JaiBholenath #mahadev