जानवरों की चहल कदमी में इजाफा हो गया प्रदूषण भी कुछ हद तक आधा हो गया आसपास की आबोहवा में जो बदलाव आया है प्रकृति ने अपनी मौजूदगी का एहसास कराया है शहर की सूनी गलियों ने भी खूब फ़रमाया है के इंसान ही आसमानी काल बनकर आया है खैर शिकवा नहीं मुझे इस मौजूदा हालात से गलतियाँ जो की है हमने बड़े खयालात से सुधरेगा सबकुछ ये तो तय है पर कब तक..? इस बात पर संशय है 🍁विकास कुमार🍁 #coronacrisis