नजर अंदाज करता हु कभी कभी खुद को सोचता हु कि भुल जाऊ मैं तुझको वैसे अब मुझे याद नही आती तेरी वो तो यादे ही मेरी याद करती है तुझको अब मै बेख़ौफ महसूस करता हु खुद को सोचता हु मिटा दू सारे रास्ते तुझ तक ले जाते थे मुझको तु कितनी खुश है जुदा होने के बाद मुझसे महफिलों में लोग बताते है मुझको shiv mishra कभी कभी याद आती है #lifeexperience #poem