मोटू छोटू पतलू लंबू चलो मिलकर एक घेर बनाए घेर बनाकर बानो को बुलाए बनो बैठेगी बीच में एक लडकी धूप में सो रही थी शोर –शोर में उठ बैठी वह रो रही थी........ उठने का फिर नाम नहीं यह कम जिद्दी इंसान नहीं उठो सहेली उठो अपने आंसू पोंछ लो मिलेगा खाना मिलेगा खेलना जल्दी से तुम सोच लो फिर क्या..? बानो रानी ताला तोड़ जंजीरों से भाग गई आगे आगे लंबू की सेना उसके पीछे मोटू की सेना हाफ रही और भाग रही ✍️ रिंकी ऊर्फ चंद्रविद्या # एकलडकीधुपमेंरोरहीथीं #बालकविता #यक्दीदी #यकबाबा #समयतोलगेगा