"बेवफ़ा से वफ़ा की, उम्मीद मात्र नादानी है, जफ़ा ही सदियों से, बेवफ़ा की निशानी है।" Shayari Aaj Bhi © शायरी आज भी प्रतियोगिता संख्या - 4 विषय : वफ़ा RULES : कृप्या पूरा पढ़ें । ☟ _________________________________ ✒ हमें Follow अरें। ✒ दिए गए विषय पर Collab कर अपनी पद्य रचना लिखें।