मसरूफ रहता है दो वक्त की रोटी कमाने में दिन भर फुर्सत में जन्नत के ख्वाब कौन कम्बख़त सोचता है सुबह का निकला आदमी शाम को घर आ जाये मरने के बाद ताजमहल कौन कम्बख़त सोचता है #yqbaba #yqdidi #yqshayari #life #directionless #YourQuoteAndMine Collaborating with Richa Mishra