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अंतिम समय मा घायल तन मेरा चोटिल पूरा बदन है , धसी

अंतिम समय
मा घायल तन मेरा चोटिल पूरा बदन है ,
धसी सीने में गोलीयां मन में अभी भी वतन है,
लेकिन थोड़ी सी आंखे नम आज,तेरे आँचल में लिपटने का मन है,
बस इसी इक्षा से मा इस लाडले का तेरे चरणो में आखिरी नमन है,

मैं भर हुंकारी सिंह की ,मैदाने जंग में आ खड़ा हूँ,
शत्रुओं की फ़ौज से आज , बन काल मैं लड़ा हूँ,

अंतिम समय मा घायल तन मेरा चोटिल पूरा बदन है , धसी सीने में गोलीयां मन में अभी भी वतन है, लेकिन थोड़ी सी आंखे नम आज,तेरे आँचल में लिपटने का मन है, बस इसी इक्षा से मा इस लाडले का तेरे चरणो में आखिरी नमन है, मैं भर हुंकारी सिंह की ,मैदाने जंग में आ खड़ा हूँ, शत्रुओं की फ़ौज से आज , बन काल मैं लड़ा हूँ,

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