*अंधेरी रात* लघुकथा.. २९-१२-२०२१ महामारी की वजह से शहर में रहते बेटा बहु गांव में रहने आये और अकेले रहते मनु दादाजी और जमुना दादी के पास सब परिवार इकठ्ठा हो गया और रोज नितनये व्यंजन बनते और घर का माहौल खुशनुमा हो गया.. जब कोरोना का जोर कम हो गया तो सभी दादाजी और दादी को गांव में अकेला छोड़कर आ गये.. दादाजी दादी को बोले *चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात* हमे अकेले ही रहना है..।।। *©* भावना भट्ट अहमदाबाद गुजरात) ➖〰️➖〰️➖〰️➖〰️➖ ©Bhavna Bhatt अंधेरी रात... वार्ता...#Nojoto #Moon