तुम पता नहीं कब समझोगे मुझे मेरी डांट और मेरी खामोशी को मै तो चाहता हूं के तुझे दुनिया की हर खुशी दे दूं अपनी हर खुशी के बदले तेरे सारे गम ले लूं अपनी मौत का करके सौदा तेरी ज़िन्दगी मांग लूं।। कब समझेगी मुझे