अशोक तंवर : चुनावी रागनी दोचश्मी औरत : श्री अशोक तंवर जी नै, पिया इब जितवावेंगे। पुरुष : गौरी 21 तारीख नै, कमल का बटण दबावेंगे॥ औरत : 36 जातों का प्यारा, यो सबके हक दिलवा रहया पुरुष : सिरसा डिस्ट्रिक्ट तै, यो न्या का झण्डा ठा रहया पुरुष : मनै कसम तेरी खाली, इबकै हँगा लावेंगे। पुरुष : गौरी 21 तारीख नै, कमल का बटण दबावेंगे॥ औरत : बेरोजगारी भत्ता, यो दस हजार मिलेगा पुरुष : हो घर घर एक नौकरी, भाई कोशिश यो करेगा पुरुष : बुर्जुग महिला पैंशन, पाच हजार दिवावेंगे। पुरुष : गौरी 21 तारीख नै, कमल का बटण दबावेंगे॥ औरत : राशन, गैस कनेक्शन, बिजली पाणी दे रहया पुरुष : शिक्षा मुफ्त चिकित्सा, किसान मानधन दे रहया पुरुष : एन पी एस के जरिए सबकी, पेंशन बंधवावेंगे। पुरुष : गौरी 21 तारीख नै, कमल का बटण दबावेंगे॥ औरत : कहै आनन्द शाहपुरिया, करो वोटा का जरिया पुरुष : करे हाथ जोड़ विनति, जितवादो इस बरिया पुरुष : गरीब किसान पिछड़ों की, आवाज उठावेंगे। पुरुष : गौरी 21 तारीख नै, कमल का बटण दबावेंगे॥ Anand Kumar Ashodhiya©2024 ©Anand Kumar Ashodhiya #कविता