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किसी व्यक्ति के सात्विक प्रेम के छत्रछाया में जी ग

किसी व्यक्ति के सात्विक प्रेम के छत्रछाया में जी गयी ज़िंदगी और स्वअनुशासन के आग़ोश में व्यतीत किये गए प्रत्येक क्षण के मध्य यदि समायोजन सन्तुलित रूप में है तो, उस व्यक्ति के लिए यही धरा(पृथ्वीलोक) ही स्वर्गलोक हैं।
सादर प्रणाम।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

©Durgesh Tiwari..9451125950 #LastNight sdt81
किसी व्यक्ति के सात्विक प्रेम के छत्रछाया में जी गयी ज़िंदगी और स्वअनुशासन के आग़ोश में व्यतीत किये गए प्रत्येक क्षण के मध्य यदि समायोजन सन्तुलित रूप में है तो, उस व्यक्ति के लिए यही धरा(पृथ्वीलोक) ही स्वर्गलोक हैं।
सादर प्रणाम।
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©Durgesh Tiwari..9451125950 #LastNight sdt81