Nojoto: Largest Storytelling Platform

गया था महलम बनने पर बदले में बस दर्द मिला बोलो इस

 गया था महलम बनने
पर बदले में बस दर्द मिला
बोलो इस दर्द ए दिल का क्या करें?
मासूम था मैं ,दिल में बस मासूमियत भरी थी,
देख के दुनिया की हेरा फेरी,
मैं भी समझदार हो गया।
बोलो इस समझदारी का क्या करें?
इस दर्द ए दिल का क्या करें
सोचा था घर बसेगी मेरी
ये सोच के बहुत खुश था
कहती थी, मैं किसी की गुरुर टूटने नहीं देती।
ये कहकर मेरी गुरुर बन गई,
जब पता चला उसे की वो मेरी गुरुर है,
एक झटके में सबकुछ तोड़ गई।
बोलो एबिस टूटे दिल का क्या करूं मैं
इस दर्द ए दिल का क्या करूं मैं।।

©Loving World
  #दर्दएदिल