आज भी है चेहरे पे तुम्हारे कायम है गुलाब सी सुर्खियां शराब सी शोखियां और तुम कहती हो मेरी नज़र खराब है ऐसा बोल दे पतिदेव तो पीए हुए शराब है झगड़े से बचने की तरकीब पुरानी नायाब है बबली गुर्जर ©Babli Gurjar नज़र