ढलती शामें गवाह हैं तेरे मेरे प्यार की, इकरार की। कोई और नही जान सकता इस बीती हुई बहार को जो आज भी जीवित है तो बस तेरे मेरे अंदर। ©Sunita #WinterEve dhalti shaamen