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जिन्दगी के उस मोड हूँ जहाँ से खूद को बस अकेला ही

जिन्दगी के उस मोड हूँ जहाँ से 
खूद को बस अकेला ही 
देख पाता हूँ 
न साया है न संगी - साथी 
कांधे पर बोझ तो है बहूत 
पर किसी कांधे का सहारा नही 
कोशीश करता हूँ जब, 
खूद के लिए चलने की 
कदम भी डगमगा जाते है 
हाथ थामने वाला भी तो 
कोई अपना नही 
जिन्दगी के उस मोड हूँ जहाँ से 
मै मेरे हो कर भो 
नही हूँ,  कहीँ नही हूँ । 
 chandny

©Sangeeta Verma मोड
जिन्दगी के उस मोड हूँ जहाँ से 
खूद को बस अकेला ही 
देख पाता हूँ 
न साया है न संगी - साथी 
कांधे पर बोझ तो है बहूत 
पर किसी कांधे का सहारा नही 
कोशीश करता हूँ जब, 
खूद के लिए चलने की 
कदम भी डगमगा जाते है 
हाथ थामने वाला भी तो 
कोई अपना नही 
जिन्दगी के उस मोड हूँ जहाँ से 
मै मेरे हो कर भो 
नही हूँ,  कहीँ नही हूँ । 
 chandny

©Sangeeta Verma मोड