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करवटें बदल बदल कर, बदलते गए ख़्वाब..! हर ख़्वाब मे

 करवटें बदल बदल कर,
बदलते गए ख़्वाब..!

हर ख़्वाब में नज़र आये तुम,
अलग अलग रूप में बेहिसाब..!

पलटते पन्ने ज़िन्दगी के बदलते,
तक़दीर की तस्वीर लाजवाब..!

कहीं मिले तुमसे कभी,
बिछड़ कर रोये कितना महताब..!

तुमको ही संभालना है मुझे,
और देखो अपना असबाब(घर-गृहस्थी)..!

दिल की दहलीज़ सुन्दर तुमसे,
तुम्हें पाकर हुआ मैं जीवन में कामयाब..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #Apocalypse #karwatebadalbadal