हरियाली तीज की आई है बहार, सजी है धरती, खिल उठे हैं हर द्वार। सावन की रिमझिम फुहारों में, झूलों की पेंग बढ़ी हर बार। मेहंदी से रंगी है मेरी प्रिया की हथेली, सजधज के आई जैसे नई नवेली। उसकी मुस्कान में छुपा है सावन का जादू, हर पल उसके संग बिताने को हूँ बेताब मैं यूँ। उसके प्रेम में डूबा है मेरा हर गीत, हरियाली तीज पे साथ बिताए हर एक प्रीत। साजन-सजनी का ये प्यारा सा त्योहार, मन में बसा है उसका प्यार अपरंपार। हरियाली तीज के इस मधुर पल में, उसके साथ हूँ मैं हर एक छल में। प्रकृति भी हरी-भरी, मन भी हर्षित, उसके संग जीवन, लगे जैसे नव अंकित। प्रेम की डोरी में बंधे हैं हम दो, हरियाली तीज का ये संदेश है ख़ास। सावन की मस्ती, झूलों की रौनक, संग-साथ उसका, मेरा हर सुखद आस। ✍ Karan Mehra ©Karan Mehra #hariyaliteej