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कि जब जब टूटे हम पत्तो की तरह खुद को समेटने की को

कि जब जब टूटे हम पत्तो की तरह 
खुद को समेटने की कोशिश की है,
हार को जीत में बदलने कि कोशिश की है 
हर बाजी में जुनून सा जगाने की हिम्मत है
 मेरी तभी तो गिर गिर के उठने की
  कोशिश की है । 🥰😍

©Aakash
  #poem #Hindi