Nojoto: Largest Storytelling Platform

White *प्यारा मास बसंत* जग से अँधियारा

White 

       *प्यारा मास बसंत* 

जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर।
बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर।
नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी।
रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी।
देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग।
सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।।

दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान।
कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान।
गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती।
पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती।
देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती।
देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।।

बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग।
भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग।
गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता।
कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता।
झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत।
ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Nature 
#springpoem
#Beauty 
#poem 
#Friend
White 

       *प्यारा मास बसंत* 

जग से अँधियारा मिटा,हुई सुहानी भोर।
बादल छाए हैं घने,नाच रहे वन मोर।
नाच रहे वन मोर,घटा घनघोर सुहानी।
रिमझिम-रिमझिम रहा,बरस अम्बर से पानी।
देख प्रकृति का रूप,सभी के थिरक रहे पग।
सन- सन चलती पवन,करे शीतल सारा जग।।

दिखती है पहने धरा, हरा-हरा परिधान।
कोयल कूके पेड़ पर,गाए सुमधुर गान।
गाए सुमधुर गान,सभी का मन बहलाती।
पीली सरसों खेत, लहर-लहर लहलहाती।
देख भानु का ताप, ठंड पास नहीं टिकती।
देखें आँखें जिधर, सिर्फ हरियाली दिखती।।

बसंत उत्सव से शुरू,हो जाता है फाग।
भँवरा चूँसे फूल रस,गुन- गुन गाता राग।
गुन-गुन गाता राग,फूल पर है मँडराता।
कल-कल सरिता नाद,सभी के मन को भाता।
झूम रहे नर नारि,हर्ष फैला दिगदिगंत।
ऋतुओं का ऋतुराज, है प्यारा मास बसंत।।

     स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari #Nature 
#springpoem
#Beauty 
#poem 
#Friend
ramjitiwari1532

Ramji Tiwari

New Creator
streak icon1