सारी गुज़ारिशे, सारी मिन्नते और सारे आंसू तुमको ही पुकार रहे हैं दोस्त। बर्बाद जिसने करना था, वो कर चुके हैं। इंसान भी अपना हर रुप दिखा चुके हैं। अब तुम अपनी आँखे खोल कर इन्हें एक बार देख लो। जाने वाले तो चले गए, पर जो ज़िंदा रहकर भी लाश बन गए, उनकी उम्मीद और सहारा बनकर उन्हें थाम लो। जो गंदगी सोच में भरी जा रही है, उसके ज़िम्मेदार तो लोग खुद है। ज़िन्दगी से हारे हुए लोगों के लिए, तुम अपनी ज़िम्मेदारी का हाथ बढ़ा दो। ©Ananta Dasgupta #Pinterest #Shiva #anantadasgupta #balasore #saviour #humanlives