गिरते परते कहां से कहां आ पहुंचे हम। जीवन की राह में मुश्किल पनाह में। क्या सोचा, क्या पाया, क्या करते चले गए हम। देर बहुत हो चुकी, अंधेरा सा हर तरफ फैला है। रोशनी की टिमटिमाती झलक पाने को तरस रहे। संभलने की बहुत कोशिश की पर संभलते संभलते दूर आ पहुंचे हम। पीछे मुड़ देखा सुनसान सड़क का नजारा पाया। तब अहसास हुआ रास्ता गलत चुन आया। संभलने से कुछ न होना था, जिम्मेदारी संभाल कर ही पथ सही पाया। संभलते-संभलते... #संभलते #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi