Unsplash ढूंढने निकले हैं जब हम आबोदाना। चल पड़ेंगे जब जहां कह दो है जाना। बांध कर सामान चल देंगे सफ़र पर- अब कहां इसके सिवा अपना ठिकाना। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #आबोदाना