सुनूं क्या बिछड़ने की तक़रीर तुमसे यही तो कहोगे की मज़बूर हूँ मैं मुझे पा के भी तू न पाएगा मुझको बता क्या तुझे अब भी मंजूर हूँ मैं Manoj Muntashir #ManojMuntashirKiDiarySe