#WorldTheatreDay शब्दों से छूटा वो वाक्य से जोड़ना होगा, वक्त का वो धागा महेनत से जोड़ना होगा। नाम भी होगा तुम्हारा बस वो सपनोको हकीकत में बदलना होगा। नदी भी पार होगी और दरिया भी, बस तूफानों से टकराना शिखना होगा। तेरी तस्वीर भी निखर आएगी, बस दिखावे की दुनिया को छोड़ना होगा। ये कविता भी समझ आ जाएगी मेरे दोस्त, बस मुंह से पढ़ने के साथ दिल से भी समझना शीखना होगा। poem of the day #World_Theatre_Day #nojoto #gazal #hindipoem #kavita