शब्दों को पिरोने का सलीखा तो आपसे सीखा है l दिल अपना उदास हो तो क्या हुआ , दूसरों को खुश रखना तो आपसे सीखा है l मोहब्बत कि बोली बोलने वाला आज खामोश क्यूं है l लगता है दर्द गहरा था ,वरना दर्द से उभरने का सलीखा भी आपसे सीखा है l हम शायर कहेंगे तो आप "राहत इन्दौरी" समझ लेना....... we miss you sir😔😔 #RIPRahatIndori